वैसे तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी रणनीतियों और कड़े फैसलों के लिए प्रसिद्ध हैं पर क्या आपको पता है कि वे एक बेहद अच्छे लेखक भी हैं। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंनें कई किताबें लिखी हैं। जो विद्यार्थियों से लेकर समाज और संस्कृति से जुड़े पाठ लोगों को पढ़ाती है। तो आइये देखते हैं कि वो कौन सी किताबें हैं जो हमारे प्रधानमंत्री ने लिखी है।
- एग्ज़ाम वॅारियर ( Exam Warrior - 2018 ) :-बोर्ड कि परीक्षा अधिकतर बच्चों के लिए सिर का दर्द होता है। इसी सिर दर्द को समझते हुए उन्होंने यह किताब लिखी है जो साल 2018 में लॅंाच की गई। इसमें प्रधानमंत्री ने बच्चों को परीक्षा के लिए खुद को तैयार करने की कई तकनीके बताई है जिन्हें उन्होनें खुद अपनाई थी। इस किताब में उन्होनें अपने बचपन के कुछ किस्से भी साझां किये हैं ताकि बच्चें इन सबको समझ पाए और इस दिक्कत से खुद को निकाल पाएं और परीक्षा में अच्छे नम्बर ला सके।
- साक्षी भाव ( 2015) :- यह किताब प्रधानमंत्री द्वारा लिखी गई कविताओं का संग्रह है। इसमें उन्होनें मां पर कविताएं लिखी है जिसमें वर्ष 2015 में प्रकाशित की गई थी। वे कहते ळैं कि यह कविताएं उन्होनें आत्मसुख के लिए लिखी थी। आपको बता दें कि इस किताब कि पहली कविता मां पर लिखी गई है। इन कविताओं को पढ़ कर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि हज़ारों लोगों की सभा में अपने विरोधियों पर सीधा निशाना साधने वाले प्रधानमंत्री दिल से कितने संवेदनशील हैं।
- A Journey: Poems by Narendra Modi (2014) :- प्रधानमंत्री मोदी की किताबों में शामिल यह कविताओं का एक और संग्रह है। इनमंे उन्होंनें कई बातों पर अपने विचार रखे हैं। इन कविताओं के ज़रिये अपना नज़रिया पेश किया है। आपको बता दें कि मुख्यतः यह किताबें गुजराती भाषा में लिखी गई हैं जिसका अनुवाद रवि मंथा ने किया है। इस किताब कि कुछ कविताएं पी एम ने अपने टõीटर अकाउंट पर भी डाली है। वर्ष 2014 में प्रकाशित इस किताब में कूल 67 कविताएं शामिल हैं।
- कनविनिएंट एक्शन ( Convinient Action -2015) :- धरती और आने वाली पीढियों के लिए जलवायु परिवर्तन एक भयानक मुसीबत साबित हो सकती है। जिसको जताते हुए यह प्रधानमंत्री ने यह किताब लिखी है। खास बात यह है कि उन्होनें ना सिर्फ समस्या बताई है बल्कि उससे जुड़े समाधान भी दिये हैं। उन्होनें कहा है कि इस समस्या से निपटने के लिए विश्व को एकजुट होना होगा और काम करना होगा। 5 ज्योतिपुंज (2009) :- यह किताब प्रधानमंत्री के परोपकारी रूप को दर्शाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस किताब में उन्होनें सबके प्रति परोपकार और सेवाभाव रखने कि बात कही है। वे कहते हैं कि आपको मनुष्य जन्म मिला है तो उसमें दूसरो की मदद जरूर करें। इस किताब में उन्होनें मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक दूसरों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का उल्लेख किया है। वे यह भी मानते हैं कि हर व्यक्ति के लिए राष्ट्र सर्वोपर्रि होना चाहिए।
- सोशल हार्मोनी ( Social Harmony - 2012) :- आम आदमी हमेशा अपनी दुख तकलीफों से घीरा रहता है। और उन तकलीफों की ही वजह से उसका ज्यादा विकास भी नहीं हो पाता। नरेंद्र मोदी की इस किताब में वे इन समस्याओं और आम आदमी कि विकास यात्रा पर ही बात करते हैं।
- एबोड अॅाफ लव ( Abode of love -2012) :- यह किताब भी नरेंद्र मोदी के प्रति अपने प्रेम और सद्भाव को दर्शाति है। क्योंकि इस किताब को भी उन्होंनें मां के प्यार पर सर्मपित किया है। वे कहते हैं कि हमारे जीवन में हम कई लोगों के प्यार से वाकिफ होते हैं जैसे दोस्त का एक दोस्त के प्रति पति का पत्नि के प्रति पर यह सारा ही प्यार एक माॅं के प्यार का प्रतिबिंब होता है। इस किताब के हिंदी में अनुवाद को प्रमतीर्थ नाम दिया गया है।
- President Pranab Mukherjee - A statesman -2017 :- प्रधानमंत्री ने एक किताब राष्ट्रपति के नाम भी लिखी है। जिसका शीर्षक भी उन्होंने उन्हीं के नाम पर दिया है।
इन किताबों के अलावा प्रधानमंत्री ने एज्युकेशन इज़ इम्वारमेंट ( Education is Empowerment) (2009) और द 37 सिंगापोर लेक्चर: इंडियाज़ सिंगापोर स्टोरी ( The 37 th Singapore Lecture: India’s Singapore Story) नामक किताबें भी लिखी हैं।