ब्रिटेन की 178 साल and दुनिया की सबसे पुरानी ट्रैवल कंपनी थॉमस कुक ने कारोबार बंद करने की घोषणा कर दी है।कंपनी के बंद होने से 3 लाख पर्यटक जहां-तहां फंस गए हैं। इसके साथ ही दुनियाभर के16 देशों में फैली इस कंपनी के करीब 22 हजार कर्मचारियों की नौकरी भी संकट में आ गई है 1841 में छोटे से स्तर से कारोबार की शुरुआत करने वाली कंपनी आखिर अचानक बंद क्यों हो गई, आइए जानते हैं
1841 में थॉमस कुक ने रखी नींव
दुनिया की सबसे पुरानी ट्रैवल कंपनी की स्थापना 1841 में ब्रिटेन के नागरिक थॉमस कुक ने मार्केट हारबोरफ में की थी। ब्रिटेन में रेलवे लाइनें बिछने का सिलसिला शुरू होने के साथ ही कामगार और कुलीन, दोनों वर्गों के लिए छुट्टियों का पर्याय बन गई थी। 1855 में कंपनी ने यूरोप के लिए टूर की शुरुआत की तो 1866 में पर्यटकों को अमेरिका तक ले जाने लगी।
1892
में
नई पीढ़ी के हाथ में आई
कंपनी
संस्थापक थॉमस कुक का 1892 में निधन होने के बाद उनके कारोबार को बेटे जॉन मैसन कुक ने संभाला।
1928
में
कुक के पोतों ने कंपनी को
बेचा
जॉन मैसन कुक के बेटे फ्रैंक और अर्नेस्ट ने 1928 में कंपनी के कारोबार को बाहरी मालिकों के हाथों बेच दिया।
1948
में
कंपनी का राष्ट्रीयकरण
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 1948 में ब्रिटेन सरकार ने इसका अधिग्रहण कर लिया था।
पहली
बार कंपलीट हॉलिडे पैकेज का
ऐलान
1955 में थॉमस कुक इंटरनैशनल हुई। औद्योगिक क्रांति के बाद ब्रिटेन में मिडिल क्लास की बढ़ती आकांक्षाओं की हमराह बनी। उसने लंदन से पैरिस के लिए ट्रिप का ऐलान किया। पहली बार किसी कंपनी ने कंपनी हॉलिडे 'पैकेज' की पेशकश की, जिसमें यात्रा के साथ-साथ रहने और खाने का भी इंतजाम था।
1972
में
फिर निजी हाथों में पहुंची
1972 में कंपनी को मिडलैंड बैंक, होटलियर ट्रंस्ट हाउस फोर्ट और ऑटोमोबाइल असोसिएशन ने खरीद लिया। उस वक्त मध्य पूर्व में तेल संकट, ब्रिटेन में मजदूरों की हड़ताल की वजह से जहां बाकी ट्रैवल कंपनियों का भट्ठा बैठ गया लेकिन थॉमस कुक न सिर्फ मजबूती से डटी रही बल्कि दोबारा निजी हाथों में आने के बाद उसने अपने धंधे का ग्लोबल विस्तार भी किया।
जर्मन कंपनी के नियंत्रण में पहुंची
एक जर्मन कंसोर्टियम ने 1992 में थॉमस कुक का अधिग्रहण कर लिया। 2001 में जर्मन कंपनी C&N टूरिस्टिक एजी ने इसका अधिग्रहण कर लिया और इसका नाम बदलकर थॉमस कुक एजी हो गया।
2007
में
माइ ट्रैवल के साथ विलय ने रखी
पतन की नींव
2007 में थॉमस कुक और यूके बेस्ड पैकेज ट्रैवल कंपनी माइ ट्रैवल का विलय हुआ जो आत्मघाती साबित हुआ। यहीं से उसके पतन की शुरुआत हुई। इस वजह से थॉमस कुक कर्ज के बोझ तले दब गई, जिससे उबर नहीं पाई। इसके अलावा, उसे एक नई कंपनी जेट2हॉलिडे से तगड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने लगी। पिछले महीने थॉमस कुक के संकट से निकलने की तब उम्मीद बंधी जब उसने चीन की इन्वेस्टमेंट कंपनी फोसन के साथ 1.1 अरब डॉलर का रेस्क्यू डील किया। हालांकि, यह भी काम नहीं आ पाई। उस पर 1770 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसे वह नहीं चुका पाई।
इंटरनेट ने भी डुबोया
थॉमस कुक को सबसे ज्यादा इंटरनेट ने डुबोया है। सोशल नेटवर्किंग और ई-कॉमर्स बेस्ड कंपनियों ने पूरी दुनिया में संगठित टूरिज्म और हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री की जड़ खोदकर रख दी है। दुनिया में किसी भी अनजानी लोकेशन पर जाने के लिए आपको सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध कराने के लिए ढेरों साइटें सक्रिय हैं। यही हाल होटल में या किसी के घर पर कमरा लेने, खाना मंगाने और टैक्सी बुक करने का भी है। इन वजहों से आखिरकार 178 साल पुरानी कंपनी बंद हो गई।
थॉमस कुक के धड़ाम होने का असर
थॉमस कुक के डूबने से एक झटके में 22,000 लोगों की नौकरियां भी खतरे में पड़ गई हैं। अकेले ब्रिटेन में 9,000 लोगों की नौकरियां किसी भी वक्त जा सकती हैं। दुनिया की सबसे पुरानी टूर ऐंड ट्रैवल कंपनी के बंद होने से दुनियाभर में 6 लाख यात्री फंसे हैं। अकेले ब्रिटेन के डेढ़ लाख पर्यटक फंसे हुए हैं। इसके अलावा जर्मनी के 1,40,000 पर्यटक फंसे हुए हैं। ग्रीस में करीब 50,000 टूरिस्ट फंसे हुए हैं। बात अगर भारत की करें तो अकेले गोवा टूरिजम को करीब 50 करोड़ रुपये का झटका लग सकता है।
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